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UN में बिलावल भुट्टो ने उठाया कश्मीर मुद्दा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिया करारा जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह प्रतिक्रिया तब आई, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यूएनएससी में भारत की दिसंबर की अध्यक्षता के तहत सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नई ओरिएंटेशन पर बहस के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन और पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के अपराधियों को सही ठहराने और उनकी मदद करने के लिए बहुपक्षीय मंचों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। UNSC में 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और न्यू ओरिएंटेशन फॉर रिफॉर्म्ड मल्टीलेटरलिज्म' विषय पर खुली बहस के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, संघर्ष की स्थितियों के प्रभाव ने एक मजबूत मामला बना दिया है कि यह मल्टीलेटरल डोमेन में नॉर्मल बिजनेस नहीं हो सकता। विदेश मंत्री ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि मल्टीलेटरल प्लेटफॉर्म को अपराधियों को बचाने में किया जा रहा है। गौरतलब है कि चीन ने कई बार आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने वाले प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह प्रतिक्रिया तब आई, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यूएनएससी में भारत की दिसंबर की अध्यक्षता के तहत सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नई ओरिएंटेशन पर बहस के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। UNSC में पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा था कि UNSC में नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने से संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश सदस्य देशों के लिए सुरक्षा परिषद में उपस्थित अवसर संख्यात्मक रूप से कम हो जाएंगे। हमें सभी की संप्रभु समानता का पालन करना चाहिए न की श्रेष्ठता की। बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान का दृढ़ विश्वास है कि सुरक्षा परिषद की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से हमारे क्षेत्र की प्रमुख सुरक्षा समस्याओं को प्रभावी ढंग और शांति से हल किया जा सकता है। बहुपक्षवाद संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सार्वभौमिक और सुसंगत पालन पर आधारित होना चाहिए। भुट्टो ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यदि आप बहुपक्षवाद की सफलता देखना चाहते हैं तो आप कश्मीर पर UNSC के प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति दे सकते हैं, बहुपक्षवाद को सफल साबित करें, साबित करें कि आपकी (भारत) अध्यक्षता में UNSC सफल हो सकती है और हमारे क्षेत्र में शांति आ सकती है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा दिए गए 'कश्मीर टिप्पणी' पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जवाब देते हुए संसद हमले और ओसामा बिन लादेन का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों के प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है, चाहे फिर वह महामारी, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद हो।


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